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कादमा(हरियाणा) : ब्रह्मा बाबा का 51 वां स्मृति दिवस

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त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे प्रजापिता ब्रह्माबाबा जिन्होंने समूचे विश्व को आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ा विश्व नवनिर्माण में अपना योगदान दिया ये उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में उनके 51 वें स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था समूचे विश्व में ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस को “विश्व शांति दिवस” के रूप में मना रही है।आज 140 देशों में 20 लाख लोग ब्रह्मा बाबा के पद चिन्हों पर चलकर अपने जीवन को व्यसन मुक्त बना दिव्य गुणों से सुशोभित कर रहे हैं। ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं बहनों को आगे रखकर ब्रह्माकुमारी संस्था का कारोबार आगे बढ़ाया। ब्रह्मा बाबा बचपन से ही बहुत धर्म परायण तथा भक्ति भाव में लीन रहते थे 60 वर्ष की आयु में उनके तन में परमात्मा शिव की प्रवेशता हुई और नई दुनिया की स्थापना का रहस्य समझाया। परमात्मा शिव ने ही इनका नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखा। उन्होंने कहा की पिता श्री ब्रह्मा का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली, मधुर स्वभाव, बौद्धिक प्रतिभा, व्यापारी कुशलता, व्यवहारिक शिष्टता, अथक परिश्रमी, श्रेष्ठ स्वभाव एवं जवाहरात के पारखी थे। वसुधा बहन ने कहा कि पिताश्री ने माताओं बहनों का ट्रस्ट बनाकर अपनी समूची चल एवं अचल संपत्ति उस ट्रस्ट को मानव मात्र की ईश्वरीय सेवा में समर्पित कर आध्यात्मिकता की ज्योति समूचे विश्व में जगा 18 जनवरी 1969 को अपना दैहिक क्लेवर परित्याग कर संपूर्णता को प्राप्त हुए।  ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी को दृढ़ प्रतिज्ञा करवाते हुए कहा कि हम सभी  आज इस विश्व शांति दिवस पर यह दृढ़ संकल्प लें की अपने जीवन में आध्यात्मिक, नैतिक एवं मानवीय मूल्यों को धारण कर समाज में शांति, एकता, सद्भावना के लिए कार्य करेंगे। यही उनके लिए सच्ची सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर सैकड़ों ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने गहन शांति की तपस्या कर ब्रह्मा बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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Women Day & Shivratri program

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झोझूकलां- कादमा(हरियाणा):–,ब्रह्माकुमारीज कादमा- झोझूकलां के तत्वावधान में महाशिवरात्रि महोत्सव एवं महिला सशक्तिकरण के साप्ताहिक कार्यक्रमों का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं शिव ध्वजारोहण के साथ झोझूकलां के सेठ किशनलाल वाले मंदिर  में बड़ी धूमधाम से किया गया जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ दिव्य गीतों एवं प्रवचनों का विशेष आकर्षण रहा।  ब्रह्माकुमारी उर्मिला, ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, डॉ एकता पंवार, बहन मंजू वत्स, प्रोफेसर संगीता ने   दीप प्रज्वलन कर किया।
 इस अवसर पर माउंट आबू राजस्थान से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उर्मिला बहन ने महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा शिव कल्याणकारी हैं जो हम सभी मनुष्य आत्माओं को काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार  ,ईर्ष्या ,द्वेष, घृणा, आलस्य आदि विकारों से दिव्य ज्ञान द्वारा छुटकारा दिला मनुष्य से देवता बनाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा की स्वयं भू, अजन्मा, निराकार परमपिता परमात्मा शिव का दिव्य जन्मोत्सव ही शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
 बहन उर्मिला ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा की परचिंतन, प्रदर्शन ,व्यर्थ की बातों को छोड़ अगर महिला पारिवारिक मूल्यों को अपनाएं तो अवश्य ही हम समाज को दिव्य व श्रेष्ठ बना सकते हैं क्योंकि महिला परिवार की धूरी है। उन्होंने कहा कि एक महिला में वह शक्ति है जो परिवार को जोड़ें रख सकती है लेकिन यह तभी संभव है जब अध्यात्म को अपना अपनी आंतरिक शक्तियों का विकास करें।
इस अवसर पर सीएचसी झोझू की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एकता पंवार ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं बड़ी खुशी की बात है लेकिन आज आवश्यकता है महिलाओं को अपनी शक्तियों का सकारात्मक प्रयोग कर अपने बच्चों को  सुसंस्कारित बनाने की। झोझूकलां क्षेत्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी का स्वागत करते रहे कहा कि परमपिता परमात्मा शिव एवं मातृशक्ति के दिन पर हम सभी ने दृढ़ संकल्प के साथ समाज को नई दिशा देने का कार्य करना चाहिए तभी नव निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि झोझूकलां व बाढड़ा खंड के  विभिन्न गांवों में महाशिवरात्रि एवं महिला विषय को लेकर के सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
भारत विकास परिषद की बेटी बचाओ प्रकल्प की प्रांतीय संयोजिका  बहन मंजू वत्स ने कहा कि बेटा बेटी को एक समान दर्जा दे समाज को उन्नति की ओर ले जा सकते हैं । तभी हम नए भारत की कल्पना कर सकते हैं। महिला शिक्षण महाविद्यालय  झोझूकलां की प्रोफेसर संगीता  ने कहा कि मातृशक्ति आध्यात्मिक और मानवीय मूल्यों को जीवन में धारण करें तो परिवार को एक सूत्र में बांध सकते हैं।  इस मौके पर  नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी ब्रह्माकुमारी पूजा, नीलम ,सुशीला, रेखा व पूनम बहन का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर सैकड़ों भाई बहन ने उपस्थित थे। मंच का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने किया।
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कादमा(हरियाणा):–राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कादमा में आयोजित रक्तदान शिविर

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कादमा(हरियाणा):–भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के तत्वावधान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कादमा में आयोजित रक्तदान शिविर में जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया आई ए एस के साथ ब्रह्माकमारी वसुधा बहन कादमा सेवाकेंद्र प्रभारी ने शिरकत की और कहा कि रक्तदान महादान है जिससे हम किसी के जीवन को बचा सकते हैं यह निस्वार्थ भाव से की गई सेवा है बहन वसुधा ने कहां की हम सकारात्मक सोच के साथ रक्त का दान करें तो उसके परिणाम भी सकारात्मक होंगे और यह अध्यात्म को जीवन में धारण करने से सहज संभव हो पाएगा। बतौर मुख्य अतिथि जिला उपायुक्त भ्राता श्याम लाल पुनिया आईएएस ने कहा की रक्तदान सर्वोत्तम समाज सेवा है इससे बड़ा कोई दान नहीं लेकिन इस सेवा के साथ-साथ अपने जीवन में नैतिक और मानवीय मूल्यों को धारण करना चाहिए तभी हम समाज का उत्थान कर सकते हैं। इस मौके पर बाढड़ा खंड शिक्षा अधिकारी दयानंद ने कहा की छात्रों को नई दिशा देने का सामाजिक भावना पैदा करने का काम कर रहा है भारत स्काउट्स एवं गाइड्स। इस मौके पर विद्यालय में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित की गई जिस पर जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया एवं ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने दीप प्रज्वलन किया। इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के संयोजक प्राध्यापक पवन कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया आईएएस को ईश्वरीय सौगात भेंट की तथा ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा की जा रही सेवाओं की चर्चा की।

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झोझूकलां-कादमा(हरियाणा):-तनाव और पापों से मुक्त कर जीवन से मुक्ति दिलाने वाली है श्री सत्यनारायण कथा

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झोझूकलां-कादमा(हरियाणा):–तनाव और पापों से मुक्त कर जीवन से मुक्ति दिलाने वाली है श्री सत्यनारायण कथा यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा द्वारा  गांव में आयोजित दो दिवसीय “महाशिवरात्रि महोत्सव एवं श्री सत्यनारायण कथा” के उद्घाटन के अवसर पर माउंट आबू राजस्थान से पधारी ज्ञानामृत पत्रिका की सह संपादिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उर्मिला बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने सत्यनारायण कथा का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कथा से हमें संतुलित जीवन जीने की शिक्षा मिलती है जिससे हमारे घर, परिवार व समाज में सुख, शांति, आनंद, पवित्रता सहज आती है और समाज श्रेष्ठ बन सकता है। ब्रह्माकुमारी बहन ने पुण्य व श्रेष्ठ कर्म करने ं बल देते हुए कहा कि हमें अच्छे कार्यों को कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। अगर हमने अपनी आंखों पर  धन, संपत्ति, लोभ, लालच की पट्टी बांधी होगी तो कभी परिवार का स्नेह, प्रेम और त्याग का अनुभव नहीं कर सकेंगे। जिसके कारण ही आज हमारे परिवारों में आपसी सहयोग भ्रातृत्व की भावना समाप्त होती जा रही है और परिवार टूट रहे व आज मानव टेंशन, डिप्रेशन आदि मानसिक बीमारियों का शिकार होता जा रहा है जो एक चिंता का विषय है। उर्मिला बहन ने कहा सत्यनारायण की कथा पढ़ने के साथ-साथ उसके आध्यात्मिक रहस्य जीवन में उतारें व धारण करें तो हमारा जीवन आनंदमय बन सकता है। झोझू कलां क्षेत्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी मिलकर जीवन में आध्यात्मिकता को धारण कर समाज उत्थान का कार्य करने का दृढ़ संकल्प इस कथा से लें तो अवश्य ही हमारा जीवन व समाज दिव्यता की खुशबू से महकने लगेगा और एक दिन अवश्य ही स्वर्णिम दुनिया बन सकेगी। श्री सत्यनारायण कथा का उद्घाटन जिला पार्षद अजय नंबरदार, पूर्व सरपंच राजेश सांगवान, ब्लॉक समिति के सदस्य हरकिशन समाजसेवी रामअवतार सेठ आदि ने दीप प्रज्वलन कर किया। पूर्व सरपंच राजेश सांगवान ने ब्रह्मा कुमारीज संस्था द्वारा दी जाने वाली आध्यात्मिक शिक्षा की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि अध्यात्म से ही हमारा भारत देश महान बन सकता है बच्चों में श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण केवल आध्यात्मिकता के द्वारा ही संभव है। इस अवसर पर बच्चों ने अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी ।इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
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